ग्रेटर नोएडा के कुछ दोस्तों ने दोस्ती के लिए जो किया है वो दूसरों के लिए एक मिसाल बन गया है. उन्होंने सड़क हादसे में घायल अपनी दोस्त, बीटेक फाइनल ईयर की छात्रा स्वीटी को बचाने के लिए अपनी परीक्षा की तैयारी छोड़ दी. सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से दोस्त की मदद के लिए गुहार लगाई. उसकी आर्थिक मदद करने के लिए दिन रात एक कर दिया. तब जाकर 10 दिनों में लगभग 40 लाख रुपए जमा हुआ, जो स्वीटी के इलाज में काम आ सकी. अब स्वीटी की हालत में सुधार है. उसे आईसीयू वार्ड से जनरल में शिफ्ट कर दिया गया है.

इलाज के लिए परिवार के पास नहीं थे पैसे

दरअसल, स्वीटी का सेक्टर डेल्टा टू के पास एक्सीडेंट हो गया था. इलाज के लिए उसे कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. लेकिन स्वीटी का परिवार महंगा इलाज करा पाने में असमर्थ था. ऐसे में स्वीटी के कॉलेज के आठ दोस्त उसके लिए फ़रिश्ता बनकर सामने आए. उनकी मदद से पैसे जुटाए जा सके.

एक खबर के मुताबिक, स्वीटी के दोस्त आशीर्वाद मणि त्रिपाठी, करण पांडे, आदर्श सिंह, राज श्रीवास्तव, अनुभव यादव, राजमणि, चंदन सिंह, शुभम, प्रतीक ने स्वीटी के परिवार को आश्वासन दिया कि वह उसके इलाज में होने वाले खर्च में उनकी मदद करेंगे. उन आठों दोस्तों ने अपने पास से और कुछ कॉलेज के दोस्तों से चन्दा जमा किया. तक़रीबन एक लाख रुपए अस्पताल में जमा करवाकर स्वीटी का इलाज शुरू करवा दिया.

10 दिन में जुटाए 40 लाख रुपए

डॉक्टर्स के मुताबिक, स्वीटी के इलाज में तक़रीबन 30-35 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया था. जिसके बाद उन आठों दोस्तों ने पैसे जमा करने के लिए दिन रात एक कर दिया. सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं अन्य से स्वीटी की फोटो और उनके पिता का अकाउंट नंबर वायरल किया. लोगों ने उन पर भरोसा जताते हुए स्वीटी की मदद के लिए आगे आए. 10 दिन में तक़रीबन 30 लाख रुपए जमा हो गए.

इसके बाद पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अपने पुलिस विभाग के साथियों के सहयोग से स्वीटी के पिता की आर्थिक स्थिति को देखते हुए 10 लाख रुपए की मदद की. अब स्वीटी की हालत में पहले से काफी सुधार है.

स्वीटी ने अपने दोस्तों को धन्यवाद देते हुआ कहा कि मुझे अपने दोस्तों पर गर्व है. वहीं उनके दोस्तों का कहना है कि मुझे अपने एग्जाम से ज्यादा स्वीटी की चिंता थी. एग्जाम तो फिर दे लेंगे, मगर इलाज में लापरवाही मंजूर नहीं थी. दोस्ती का फर्ज निभाने के लिए हमने अपनी अच्छी स्वीटी की मदद की.

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