आज के समय में हर क्षेत्र में लड़कियों का दबदबा है। हालांकि पहले के समय में बेटियों को ज्यादा काम करने की आजादी नहीं थी, लेकिन समय के साथ यह प्रथा बदल गई है और अब सभी क्षेत्रों में बेटियों का बोलबाला है। आज की इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी ही बेटी की कहानी से रूबरू कराने जा रहे हैं। जो एक छोटे से गांव से निकल कर इसरो जैसी बड़ी कंपनी में जूनियर साइंटिस्ट की नौकरी कर ली। इसके बाद वह सभी के लिए प्रेरणा बनीं। तो आइए जानते हैं पूर्वोत्तर राज्य की बेटी नाजनीन यास्मीन के बारे में जिन्होंने ऐसा कारनामा किया है।

बेचैनी न होने से वैज्ञानिक बनी बेटी
नाज़नीन यास्मीन पूर्वोत्तर राज्य असम के नागम जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने वर्ष 2016 में असम विश्वविद्यालय से एम.टेक की डिग्री प्राप्त की, जिसके पहले नाज़नी ने एनआईटीएस कॉलेज, गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की। और अब हाल ही में उनका इस इसरो में जूनियर साइंटिस्ट के पद के लिए चयन हुआ है।

वह कहती हैं कि वह हमेशा से वैज्ञानिक बनना चाहती थीं और अब उनका सपना सच हो गया है। आपको बता दें कि उन्होंने साल 2021 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए परीक्षा दी थी और अब उन्हें इस परीक्षा में सफलता मिली है। आपको बता दें कि नाजनीन यास्मीन साल 2021 में एक वैज्ञानिक के तौर पर श्रीहरिकोटा स्थित इसरो मुख्यालय में शामिल हुई थीं।

माता-पिता ने भी किया पूरा सहयोग
नाजनीन के पिता का नाम अबुल कलाम आजाद है। जो एक स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करता है। इसके साथ ही उनकी मां घर का काम भी संभालती हैं। जिसका नाम मंज़िला बेगम है। उनका कहना है कि पढ़ाई के दौरान उनके माता-पिता ने उनका पूरा साथ दिया और गांव में ही उन्होंने इंटरनेट जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठाया और इसी वजह से वह इस मुकाम तक पहुंची हैं.

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