भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदल दिया गया है। अब इसका नाम गोंड रानी कमलापति रेलवे स्टेशन है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अत्याधुनिक विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। ऐसे में यह जानना प्रासंगिक होगा कि गोंड की रानी कमलापति कौन थीं और हबीबगंज स्टेशन का नाम उनके नाम पर क्यों रखा गया।
रानी कमलापति कौन थी?
रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के राजा सूरज सिंह शाह की बहू और गिन्नौरगढ़ के मुखिया निजाम शाह की पत्नी थीं। रानी कमलापति की एक खासियत यह भी है कि वह बेहद खूबसूरत थीं। निजाम शाह के भतीजे आलम शाह को उनसे प्यार हो गया। मौका पाकर उसने रानी को भी बताया कि उसके दिल में क्या है, लेकिन रानी ने उसे ठुकरा दिया।
आलम शाह ने गुस्से और सत्ता के लालच में अपने चाचा निजाम शाह की हत्या कर दी। राजा की मृत्यु के बाद रानी और उसका पुत्र भी खतरे में थे। ऐसे में वह गिन्नौरगढ़ से भोपाल के रानी कमलापति महल आई थीं। बाद में उसने खुद को तैयार किया और अपने दोस्त की मदद से मोहम्मद ने आलम शाह पर हमला किया और अपने पति की हत्या का बदला लेने के लिए बहादुरी दिखाई।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन
इतिहास में दर्ज रानी कमलापति की वीरता और पराक्रम को देखते हुए अब हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम उन्हीं के नाम पर पड़ा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत यह देश का पहला रेलवे स्टेशन है, जिसमें यात्रियों को इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। लिफ्ट के अलावा एस्केलेटर में 700 यात्रियों की क्षमता वाला एक कॉनकोर भी है।