कश्मीर में वो सपना सच होने जा रहा है, जिसका लंबे समय से इंतजार था। रेलवे के जरिए दिल्ली से कश्मीर पूरे देश से जुड़ जाएगा। भारत सरकार लंबे समय से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रही थी।
इंडियाटाइम्स की ओर से इदरीस बख्तियार ने स्थानीय लोगों से बात करके यह जानने की कोशिश की कि उनके लिए यह परियोजना क्या मायने रखती है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि इससे क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। रेलवे लाइन के चालू होने से कश्मीर के पर्यटन उद्योग को भी फायदा होगा।
साल में कई दिन हाईवे बंद रहने से कई पर्यटक कश्मीर नहीं पहुंच पाते हैं। रेलवे लाइन के कारण साल भर घरेलू ही नहीं विदेशी पर्यटकों का भी आमद रहेगा। श्रीनगर से राजनीति विज्ञान में स्नातक छात्र दानिश बशीर को उम्मीद है कि उनके जैसे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. “रेलवे में शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार होगा।”
कश्मीर के बारामूला में अखरोट के कारोबारी मोहम्मद युसूफ काकरू के मुताबिक उनके लिए दिल्ली और दूसरे बाजारों में अपना माल बेचना आसान हो जाएगा. हम कम समय में और बेहतर दरों पर लोगों तक पहुंचने में सक्षम होंगे।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक एक ऑल वेदर रेलवे लिंक है। इस रेलवे लाइन को तीन खंडों में बांटा गया है। उधमपुर से कटरा 25 किमी, बनिहाल से काजीगुंड और काजीगुंड से बारामूला। इस परियोजना के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। बारामूला-बनिहाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू हो गई है।
इसके अलावा जम्मू-उधमपुर-कटरा के बीच भी सेवा शुरू हो गई है। अब बस कटरा-बनिहाल के 111 किमी रूट पर काम चल रहा है। 37 बनिहाल ट्रैक पर बनने हैं। इसमें 26 मुख्य पुल और 11 छोटे पुल हैं। इसके अलावा श्रीनगर तक करीब 35 सुरंगें बनाई जानी हैं। जम्मू रेलवे लाइन के 93 किमी के हिस्से को सुरंग की तरह बनाया जाएगा।