भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने हाल ही में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में ऐसी खोज की, जिसने कई हज़ार साल पहले के राज़ खोले हैं. इस खोज में ASI को लगभग 2000 साल पहले ही सभ्यता के अवशेष मिले, जो ये इशारा करते हैं कि ये सभ्यता मॉडर्न थी. इसमें रॉक-कट गुफाएं, 2000 साल पुराना मानव निर्मित झरना भी शामिल हैं.

इन अवशेषों को देख कर ये साफ़ तौर पर कहा जा रहा है कि ये सभ्यता अपने समय से कहीं आगे की और सोफिस्टिकेटेड थी.

बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व इस समय जिस जगह पर है, वहां कई हज़ार साल पहले व्यापार का रास्ता था. इसी जगह को आज बांधवगढ टाइगर रिज़र्व कहते हैं. और इसी जगह पर ASI को 1500 साल पुरानी रॉक पेंटिंग, 2000 साल पुराना जलाशय भी मिला.

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जबलपुर सर्किल के सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर शिवाकांत वाजपेयी के नेतृत्व में 1 अप्रैल से 30 जून तक यहां पुरातत्व विभाग का सर्वे का काम चल रहा था. इस दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला कोर जोन में जबलपुर पुरातत्व विभाग के दूसरे सत्र के सर्वे में दो बड़े बेलनाकार स्तूप, 11 गुफाएं और उनसे जुड़ी 4 वाटर बॉडी और एक चित्रित गुफा शामिल है.

पहले मिले थे प्राचीन मंदिर

खास बात यह है कि पिछले साल भारतीय पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में बांधवगढ़ में 26 प्राचीन मंदिर, 46 मूर्तियां, 26 शैल गुफाएं दो बौद्ध स्तूप और 19 जल स्त्रोत भी मिले थे. एएसआई के सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर शिवाकांत वाजपेयी ने कहा अन्वेषण का लक्ष्य बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बिखरे पुरातात्विक अवशेषों को वैज्ञानिक रूप से डॉक्यूमेंट करना है.

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