अगर आपकी कोई प्यारी चीज गुम हो जाए तो शायद आप उसके गम को भुला नहीं पाते हैं. लेकिन कुछ लोग अपने इस गम को अविष्कार में तब्दील कर देते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है असम राइफल्स आईटीआई में टेक्नोलॉजी के छात्र सम्राट नाथ (Samrat Nath) ने. उन्होंने एक ऐसी ई-बाइक को विकसित किया है, जिसे कभी भी कोई शख्स चोरी नहीं कर सकता है. अब आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा कैसे हो पाएगा? तो चलिए हम आपको पूरी जानकारी दे ही देते हैं.
बचपन में चोरी हुई थी साइकिल
असम (Assam) के करीमगंज जिले के रहने वाले सम्राट नाथ जब आठवीं में थे तब उनके चाचा की साइकिल चोरी हो गई. उस वक्त उनके घर की माली हालत ठीक नहीं थी. इसलिए उनके घर में सभी लोग साइकिल चोरी से काफी दुखी हो गए थे. तब सम्राट ने मन में ठान लिया था कि वह एक दिन ऐसी साइकिल बनाएंगे, जिसे कभी कोई चोरी नहीं कर सकेगा. सम्राट का सपना आज साकार हो चुका है.
Assam | Karimganj's Samrat Nath claims to have built a theft-proof e-bike
If anyone tries to steal it then I'll get a message on my phone & alarm will be activated. I've developed an app to control this bike. It can be controlled from anywhere in the world, he says pic.twitter.com/aueaLTRtAD
— ANI (@ANI) April 19, 2022
आईटीआई छात्र ने एक थेफ्ट प्रूफ ई साइकिल (Anti-Theft E-Cycle) को बनाया है. इस साइकिल की खास बात यह है कि इसके चोरी होने पर आपके मोबाइल पर मैसेज आएगा और चोरी का अलार्म एक्टिव हो जाएगा. सम्राट ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस साइकिल में उन्होंने कई तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है.
E-Cycle में हैं गजब के फीचर्स
इस ई- साइकिल में लैपटॉप की बैटरी का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा इसमें लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया गया है. ताकि साइकिल चोरी होने पर उसका पता लगाया जा सके. इतना ही नहीं सम्राट ने साइकिल में फिंगर प्रिंट फीचर भी ऐड कर रखा है. यह ई साइकिल इलेक्ट्रिक है और इसे एक बार चार्ज करने के बाद आप आराम से 40 किमी प्रति घंटा की स्पीड से 60 किमी तक चला सकते हैं.
पेटेंट कराना चाहते हैं साइकिल का
सम्राट ने अपनी ई-साइकिल में एक ऐसा डिवाइस फिट किया है जिसके जरिए वह दुनिया के किसी भी कोने से अपनी साइकिल को ऑपरेट कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह डिवाइस किसी भी बाइक या साइकिल में आराम से लगाया जा सकता है. 19 साल के सम्राट को इस साइकिल को बनाने में लगभग 4 साल लग गए, लेकिन वह अब अपनी साइकिल का पेंटेट कराने का सोच रहे हैं. इसके बाद वह चाहते हैं कि इस तरह की ई-साइकिल का प्रोडक्शन बड़े पैमाने पर हो. लोग इसे खरीदें और चोरी की चिंता से मुक्त हो जाएं.