पहाड़ों के बीच बसा हिमाचल प्रदेश अपने प्रकृति की सुंदरता के लिए काफी मशहूर है। मगर हिमाचल प्रदेश में बेताल गुफा(betal cave) है जिस की पौराणिक कथा जानकर आप हैरान हो जाएंगे। जी हां,आज हम बात कर रहे हैं ‘बेताल गुफा’ के बारे में जो बेहद रहस्यमय है तो आइए ‘बेताल गुफा’ के विषय में विस्तार से जानकारी लेते हैं।

बेताल गुफा(betal cave) :
बेताल गुफा हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर इलाके में स्थिति है। यह गुफा 40- 50 मीटर लंबा है और इसकी ऊंचाई करीब 15 फीट है।इसके दो द्वार हैं और थोड़ा बड़ा है तो दूसरा संकरा है। अंदर 20 से 30 हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित है।

बेताल गुफा की पौराणिक कथा:
गुफा को लेकर स्थानीय लोगों में गहरी आस्था है स्थानीय लोगों की मानें तो यह गुफा हर मनोकामना पूरी करती है तो आइए स्थानीय लोगों के द्वारा बताए गए कुछ पौराणिक कथाओं के विषय में मैं आपको बता देता हूं।

दीवारों से देसी घी टपकता था! :
स्थानीय लोग ऐसा मानते हैं कि इस गुफा की दीवारों से पहले देसी घी टपकता था। जिसका उपयोग गांव वाले करते थे। यह सिलसिला एक घटना के बाद बंद हो गई जब एक बार ग्वाला अपनी गायों के साथ इस गुफा में आया और अपनी रोटी को घी के साथ खाने लगा। वह बार-बार दीवाल से घी लगाकर रोटी खाता था। जिससे सारा ही झूठा हो गया और दीवारों से घी करना बंद हो गया।

बर्तनों की मनोकामना पूरी होती थी :
जब आसपास के गांव में किसी के घर शादी होती थी। तब घर का मुखिया गुफा के प्रवेश द्वार पर जाकर सिंदूर से गुफा को आमंत्रण देता था और बर्तन की मांग करता था।अगले दिन उससे उसी जगह पर बर्तन मिल जाते हैं।शादी में काम हो जाने के बाद सभी लोग उस बर्तन को उसी जगह रख दिया करते थे। वह बर्तन गायब हो जाता था।पर एक बार किसी ने बर्तन वापस नहीं रखा जिससे कि यह सिलसिला भी बंद हो गया।

बीमार पशुओं का ठीक हो जाते है। :
गांव में कोई भी पशु बीमार हो जाता था या दूध कम हो जाता था। तब इस पशु का मालिक गुफा के अंदर ले जाकर गुफा में पूजा पाठ करता था। जिससे पशुओं की सारी समस्या दूर हो जाती थी।

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