Hari Chandana Dasari :
हमारे देश का एजुकेशन सिस्टम कैसा है. बताने की जरूरत नहीं है. बहुत सारे ऐसे युवा होते हैं. जो सोचते हैं कि उनकी शिक्षा विदेश में हो और वह विदेश में ही नौकरी करें. वहीं कुछ ऐसे भी लोग होते हैं. जो भारत में ठीक-ठाक शिक्षा हासिल कर लेते हैं और विदेश में नौकरी करने की चाहत रखते हैं और उनकी यह चाहत पूरी भी हो जाती है और विदेश में वह नौकरी भी करने लगते हैं, लेकिन आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने वाले हैं. जिसकी विदेश में जॉब लग गई लेकिन उसने जॉब को ठुकरा कर भारत आना सही समझा और फिर यूपीएससी की तैयारी की और अब आईएएस बनकर देश की सेवा कर रही हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कौन हैं आईएएस चांदना दासारी.

कौन है आईएएस चांदना दसारी
जिस आईएएस ऑफिसर के बारे में हम आपसे बात कर रहे हैं. उनका जन्म हैदराबाद में हुआ था और हैदराबाद में ही इनकी शुरुआती शिक्षा हुई फिर इसके बाद उन्होंने हैदराबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री लेने के बाद यह आगे की शिक्षा के लिए लंदन चली गई. जहां पर इन्होंने एनवायरमेंट इकोनॉमिक्स में एमएससी की डिग्री हासिल की.

डिग्री हासिल करने के बाद इनको लंदन में कई जॉब ऑफर मिले और उन्होंने कुछ समय लंदन की बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी भी की थी. लेकिन वह कहते हैं ना जब आपके अंदर बचपन से ही देश सेवा का जुनून हो तो आप विदेश में भी कुछ नहीं कर पाते हैं. यही कारण रहा कि ये विदेशी नौकरी छोड़कर भारत वापस आ गई और यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया. और उन्होंने पहले प्रयास में असफलता पाने के बाद साल 2010 में इस परीक्षा को पास कर लिया था.

आईएएस बनने के बाद चलाई खास मुहिम

यूं तो देश भर में हजारों आईएएस है. जो समाज के लिए अपने अपने तरीके से काम करते हैं लेकिन कुछ ऐसे आईएएस अधिकारी होते हैं. जिनके काम करने का तरीका और अंदाज हर किसी से विपरीत होता है और इन्हीं में से एक चांदना दासारी भी हैं. जिन्होंने आईएएस बनते ही प्लास्टिक के खिलाफ एक खास मुहिम चलाई थी. इसके तहत वेस्ट प्लास्टिक और प्लास्टिक की बोतलों को सही जगह स्टोर करने की बात की गई थी और वर्तमान समय में भी यह इस मुहिम पर काम कर रही हैं. कहना गलत नहीं होगा देश सेवा के लिए उन्होंने विदेशी नौकरी को ठुकराया था.

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