भारतीय सेना के जवानों को देश की सुरक्षा के लिए अपने घर परिवार का मोह तक त्यागना पड़ता है. त्यौहारों के दिनों में हम जहां एक तरफ खुशियां मना रहे होते हैं, वहीं हमारे सैनिक हमारे लिए आतंकियों से भिड़ रहे होते हैं. एक ऐसे ही सैनिक हैं अचल पटवारी, जिन्हें आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन गोलियां लगी. अचल ने पांच साल में पहली बार अपने घर पर दिवाली मनाई है.

तीन गोलियां लगीं

अचल पांच महीने बाद घर लौट आया है और उसके शरीर पर गोली लगने के तीन घाव और सर्जरी के आठ निशान हैं। 23 वर्षीय लांस नायक अचल पटवारी जब अपने गांव लौटे तो सच्चे नायक का स्वागत किया गया। खास बात यह है कि गांव के 150 से ज्यादा युवा सेना में हैं, जिनके साथ उनके मजबूत संबंध हैं। अचल उस सेना इकाई का हिस्सा था, जिसकी इस साल जून में कश्मीर के अनंतनाग जिले के रिशीपोरा इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। उनकी यूनिट, जो आतंकवादियों को घेरने के लिए तलाशी अभियान चला रही थी, ने तुरंत गोलियां चला दीं। जिसमें अचल के दोनों पैरों में तीन गोलियां मारी गईं

गोली भी नहीं तोड़ पाई हौसला

अचल के हौसले इतने मजबूत थे कि ये गोलियां भी उन्हें तोड़ न पाईं. गोली लगने के बाद भी वह आतंकियों पर फायरिंग करते रहे. ऐसे में उन्हें दोनों पैर में तीन गोलियां लगीं. लेकिन अचल पटवारी रुकने वाले नहीं थे, वह बेहोश होने तक फायरिंग करते रहे. अपनी बहादुरी के दम पर अचल ने इस मुठभेड़ में हिजुबल मुजाहिद्दीन का कमांडर निसार खांडे को मार गिराया था.

महू तहसील के कैलोद गांव के लांस नायक अचल पटवारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि, “रात भर की गोलीबारी में उन्हें तीन गोलियां लगीं, जिनमें दो उनके दाहिने पैर में और एक बाएं में लगी थी. उन्होंने आगे बताया कि, वह, उनके साथी अमनदीप सिंह और एक सिविलियन घायल हो गए थे. बाद में सभी को एयरलिफ्ट कर श्रीनगर बेस अस्पताल ले जाया गया. जवान अचल पटवारी ने कहा कि पांच महीने से कम समय में उनकी आठ सर्जरी हुई हैं.

जवान ने बताया कि उनके दाहिने पैर में अभी भी ब्रेसिज लगे हैं. अचल के अनुसार डॉक्टर्स ऑपरेशन करना चाहते हैं. वे कहते हैं कि वह अच्छी तरह से ठीक हो रहे हैं और जल्द ही चल भी पाएंगे. वह अपने साथियों और अपनी यूनिट में फिर से शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं और उनके लिए ये इंतजार बेहद कठिन है. उनका मानना है कि देश की रक्षा के लिए सीमा पर खड़े होने से बड़ी कोई भावना नहीं है. उन्होंने बताया कि वह पांच साल में पहली बार घर पर परिवार के साथ दिवाली मना रहे हैं

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