1997 की फिल्म बॉर्डर भारतीय फिल्म उद्योग की उन कुछ फिल्मों में से एक है जिनकी सफलता आज भी गूंजती है। इतनी सफलता हजारों में से एक ही फिल्म को मिलती है। ऐसी सफलता हासिल करने वाली किसी फिल्म के निर्माता और निर्देशक इस फिल्म से खुश नहीं होंगे, लेकिन ऐसा नहीं है।
बॉर्डर की सफलता से नाखुश थे जेपी दत्ता
इसका निर्देशन जेपी दत्ता ने किया था, जिन्हें इंडस्ट्री के देशभक्त निर्देशक कहा जाता है। जेपी दत्ता की ब्लॉकबस्टर फिल्म 10 करोड़ के बजट में बनी थी और बॉक्स ऑफिस पर 39.45 करोड़ का बिजनेस किया था, जो उस समय के लिए बहुत बड़ी बात थी। इसके साथ ही फिल्म ने दर्शकों को सिनेमाघरों की ओर इस तरह आकर्षित किया कि कुल 3.7 मिलियन दर्शक फिल्म देखने सिनेमाघरों में पहुंचे।
दिल को छू लेने वाली फिल्म
इतना ही नहीं आज भी हम रिमोट का बटन नहीं दबाते हैं अगर यह मूवी किसी चैनल पर दिखाई जाती है। फिल्म की सफलता के बावजूद जेपी दत्ता खुश नहीं थे। उन्होंने खुश होने की बात तो दूर यह भी कहा कि फिल्म की इस तरह की सफलता ने उनका दिल तोड़ दिया। फिल्म की रिलीज के बाद दर्शक इतने उत्साहित हो गए कि भारत-पाक युद्ध के दृश्य देखकर कुर्सियों पर कूद पड़े, जिसके बाद कई थिएटरों को सारी कुर्सियां बदलनी पड़ीं.
अन्य फिल्मों को नहीं मिली पहचान
इतनी सफलता और इतना प्यार मिलने के बाद भी जेपी दत्ता इस फिल्म से खुश नहीं थे। इस बारे में उन्होंने 2018 में एक इंटरव्यू में ‘बॉलीवुड हंगामा’ को बताया था कि ‘बॉर्डर’ की सफलता उनके लिए डिप्रेशन बन गई थी. कारण यह था कि यह फिल्म इतनी सफल रही कि उनकी अन्य फिल्मों को बिल्कुल भी याद नहीं किया गया। इससे उनका दिल दुखा।
एलओसी के लिए बहुत मेहनत
Born #OnThisDay: JP DUTTA
Director of notable patriotic war films #Border 1997 #LOCKargil 2003, he also made the cult thriller #Hathyar 1989 pic.twitter.com/oPKTFQAdrU— NFAI (@NFAIOfficial) October 3, 2017
हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को जे.पी. दत्ता ने फिल्म ‘बॉर्डर’ के बारे में अपने साक्षात्कार में कहा, जिसने उन्हें उनकी यादों की याद दिला दी, ‘मारू दिल दुखे है। मैं ‘एलओसी: कारगिल’ के बारे में बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि सीमा है, इससे मुझे दर्द होता है।” कारगिल फिल्म को 4 घंटे से घटाकर 3 घंटे करना था।
2003: Lt. General (then Colonel) @YkJoshi5 with the starcast of JP Dutta's LOC: Kargil. @juniorbachchan portrayed the role of Captain Vikram Batra PVC & @duttsanjay portrayed the role of Lt. Col. Joshi during the Kargil War of 1999. ??❤️@RealNidhiDutta @vishalbatra1974 @adgpi pic.twitter.com/1lAcpJOmdz
— Sakul Garg (सकुल गर्ग) (@gargsakul31) January 31, 2022
जेपी दत्ता ने आगे कहा, ‘इस फिल्म को बनाने से पहले उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की जिन्होंने युद्ध में अपने अधिकारी बेटे, पति और पिता को खो दिया। सभी से मिलने और बात करने के बाद, दत्ता में हिम्मत नहीं थी कि वह फिल्म के किसी भी हिस्से को काटकर इसकी अवधि कम कर सके। हालांकि व्यावसायिक रूप से यह एक बड़ा फैसला था। इस पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि इतनी मेहनत और लगन के बाद भी जब मैं इस फिल्म की बात करता हूं तो हर कोई एलओसी नहीं बॉर्डर, बॉर्डर, बॉर्डर, बॉर्डर कहता रहता है: कारगिल की बात क्यों नहीं की जाती.’
बॉर्डर का सीक्वल बनाने के बारे में पूछे जाने पर, जिसे सिर्फ 75 दिनों में शूट किया गया था, जेपी दत्ता ने जबड़ा करारा जवाब दिया, ‘नहीं, बिल्कुल नहीं!’
ज्योति प्रकाश दत्ता का पूरा नाम ज्योति प्रकाश दत्ता है, उनका जन्म 3 अक्टूबर 1949 को हुआ था। 2018 तक 11 फिल्में कर चुके जेपी दत्ता ने 1976 में अपनी पहली फिल्म ‘सरहद’ रिलीज की थी। इसके बाद उन्होंने गुलामी, यतीम, विभाजन, हटियार, क्षत्रिय, बॉर्डर, रिफ्यूजी, एलओसी: कारगिल, उमराव जान और पलटन जैसी फिल्मों का निर्देशन किया।