यूं तो मंदिरों में लोग दुनियाभर की बलाओं और परेशानियों को दूर भगाने के लिए जाते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में एक ऐसा भी मंदिर मौजूद है, जहां कोई भी जाना नहीं चाहता है। कहा जाता है कि मंदिर के अंदर घुसने में भूतों और पिशाचों को डर लगता है, लेकिन यह मंदिर ऐसा है जहां जाने से लोगों को ही डर लगता है।

यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा के एक छोटे से शहर भरमौर में स्थित है। मंदिर दिखने में छोटा है, लेकिन इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। कहा जाता है कि लोग इस मंदिर के अंदर जाने की गलती कभी नहीं करते हैं। वे भगवान से प्रार्थना करते हैं और बाहर जाते हैं।

दरअसल यह मंदिर मृत्यु के देवता यमराज का है। यही वजह है कि लोग इस मंदिर के पास जाने से भी डरते हैं। यह दुनिया का इकलौता मंदिर है जो यमराज को समर्पित है। लोगों का कहना है कि यह मंदिर केवल यमराज के लिए ही बना है इसलिए उनके अलावा कोई भी इसमें प्रवेश नहीं कर सकता है।

गांव के लोगों का कहना है कि इस मंदिर में चित्रगुप्त के लिए भी एक कमरा बनाया गया है, जिसमें वो इंसानों के अच्छे-बुरे कामों का लेखा-जोखा एक किताब में रखते हैं। दरअसल, मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात, पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गये कार्यों के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नर्क का निर्णय लेने का अधिकार चित्रगुप्त के ही पास है। यानी किस मनुष्य को स्वर्ग मिलेगा और कौन नर्क में जाएगा, इसका फैसला चित्रगुप्त ही करते हैं।

कहा जाता है कि इस मंदिर के अंदर चार छिपे हुए दरवाजे हैं जो कि सोने, चांदी, तांबे और लोहे के बने हुए हैं। माना जाता है कि जो लोग ज्यादा पाप करते हैं, उनकी आत्मा लोहे के गेट से अंदर जाती है और जिसने पुण्य किया हो, उसकी आत्मा सोने के गेट के अंदर जाती है।

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