रेखा 10 अक्तूबर को 68 साल की हो गई हैं तो अमिताभ 11 अक्तूबर को 80 साल के. दोनों ने अंतिम बार 1981 में फ़िल्म ‘सिलसिला’ में साथ काम किया था. लेकिन 41 बरस बाद भी अमिताभ-रेखा की जोड़ी उतनी ही मशहूर है जितनी 1976 से 1981 के बीच थी.
अमिताभ-रेखा की जोड़ी की लोकप्रियता को आज की युवा पीढ़ी भी अच्छे से महसूस करती है, जिनका तब जन्म भी नहीं हुआ था, जब इन दोनों की फ़िल्में धूम मचाती थीं. आज 40 साल के युवा ही नहीं, 20 साल के युवा और 14 साल के किशोर भी जानते हैं कि अमिताभ-रेखा के मायने क्या हैं.
इन दोनों को परदे की एक बेहद शानदार जोड़ी के रूप में तो जाना ही जाता है. दोनों ने कई यादगार और सफल फ़िल्में साथ कीं, लेकिन इनकी जोड़ी रियल लाइफ़ की अपनी प्रेम कहानी के लिए भी जानी जाती है.एक ऐसी प्रेम कहानी जो चाहे पूरी तरह खुलकर सामने नहीं आई, लेकिन अमिताभ-रेखा की यह एक ऐसी प्रेम गाथा है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. यह प्रेम कहानी 40-45 साल पहले भी सुर्खियों में थी और आज भी है. तब भी इसकी चर्चा दबे सुरों में होती थी और आज भी. अपने लंबे ख़ामोश सफ़र के बाद आज भी उसकी गूंज बरक़रार है.यूं फ़िल्म संसार में प्रेम कहानियों की कमी नहीं. रुपहले पर्दे पर प्यार करते-करते कितने ही जोड़े सच में प्यार कर बैठे. लेकिन उनमें से कुछ ही विवाह बंधन में बंधकर जीवन-साथी बन सके, जबकि कुछ की प्रेम कहानियाँ कुछ दूर तक चलकर दम तोड़ गईं. इनमें से कुछ लोग ऐसे भी रहे जो चाहे शादी करके एक नहीं हो सके. लेकिन उसके बावजूद उनकी प्रेम गाथा अमर हो गई.
ऐसी अमर प्रेम कहानियों में जहाँ पहले राज कपूर और नरगिस की प्रेम कहानी थी. वहाँ उसी कड़ी में फिर अमिताभ-रेखा की कहानी आ गई. आज राज कपूर-नरगिस इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन दोनों की प्रेम कहानी आज भी अमर है. ऐसे ही अमिताभ-रेखा की प्रेम कहानी को भी वक्त की परतें बरसों-बरसों तक धुंधला नहीं कर सकेंगी.
यूँ तो अमिताभ की रेखा से पहली मुलाक़ात उनकी जया भादुड़ी से शादी से पहले 1972 में ही हो गई थी. दरअसल, तब एक निर्माता जीएम रोशन और निर्देशक कुंदन कुमार ने अमिताभ-रेखा को लेकर एक फ़िल्म शुरू की थी ‘अपने-पराये’, लेकिन कुछ दिन की शूटिंग के बाद यह फ़िल्म बंद हो गई.
बाद में अमिताभ बच्चन की जगह संजय ख़ान को रेखा के साथ लेकर यह फ़िल्म ‘दुनिया का मेला’ नाम से बनकर 1974 में प्रदर्शित होकर फ़्लॉप हो गई.
रेखा और अमिताभ का 1973 में एक बार फिर फ़िल्म ‘नमक हराम’ के कारण साथ बना, लेकिन इस फ़िल्म में रेखा, अमिताभ की नहीं, राजेश खन्ना की नायिका थीं, इसलिए अमिताभ-रेखा के बीच कोई ख़ास बातचीत नहीं हो पाई. इस तरह तब तक अमिताभ-रेखा एक दूसरे के लिए अनजान से रहे.