भारत एक कृषि प्रधान देश है मगर भारत में किसानी करना लोगों को मामूली और कम आमदनी वाला मेहनती व्यवसाय लगता है. ये बात तो सच है कि किसानी करने में मेहनत काफी ज़्यादा है मगर आमदनी कम होती है यह सिर्फ एक भ्रम है. बिहार के रहने वाले एकलव्य का उदाहरण ही ले लीजिये जिसने अपने छोटे से खेत में स्ट्रॉबेरी के कुछ पौधे उगाए थे और आज वह Strawberry Farming से लाखों रुपए की कमाई करता है.
बिहार के रहने वाले एकलव्य ने सिर्फ 2700 रुपए खर्च किए और अपने खेत में एक हज़ार स्ट्रॉबेरी के पेड़ ऊगा दिए. जब एकलव्य ने अपने काम की शुरुआत की तो लोगों ने उसे पागल तक कह दिया। अन्य किसानों का मानना था कि बिहार की मिट्ठी में स्ट्राबेरी उगाई ही नहीं जा सकती। मगर यहां एकलव्य को पागल कहने वाले लोग पूरी तरह से गलत साबित हुए
स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे शुरू करें
एकलव्य ने शुरुआत में सिर्फ 2700 रुपए खर्च किए थे और अपने खेत में इसके पौधे रोपे थे. बाद में उसने यूट्यूब में स्ट्रॉबेरी फार्मिंग के कई वीडियो देखे और खेती करने की टेक्नीक को समझा। इसके लिए एकलव्य ने उन लोगों से भी मदद मांगी जो पहले से इसकी खेती कर रहे थे. एकलव्य की मदद के लिए जियोलॉजी के प्रोफेसर शैलेंद्र प्रियदर्शी ने मदद की.
एकलव्य ने 1000 ऑस्ट्रेलियन स्ट्रॉबेरी के पौधे अपने खेत में लगाए। उसने हिमाचल से इन्हे मंगवाया था. खेत की जुताई करने के बाद उसने सभी पौधों को रोप दिया। और नमी का ध्यान रखते हुए उनकी नियमित रूप से सिंचाई की. वैसे तो स्ट्रॉबेरी ठन्डे इलाकों में उगाई जाती है मगर एकलव्य ने अपने खेत की मिटटी को इसे उगाने के लिए अनुकूल बना दिया।
एकलव्य ने जिन 2700 रुपए से 1000 पौधे लगाए थे वो अब फल देना शुरू कर चुके हैं. एकलव्य का कहना है कि वो अब अपनी उगाई स्ट्रॉबेरी को बेचकर 1 लाख रुपए तक कमाई कर सकता है. बड़े मार्केट में ये फल 600 रुपए किलो बिकता है.