उत्‍तर प्रदेश भारत का इकलौता राज्‍य है जिसकी सीमा 9 अन्‍य राज्‍यों से जुड़ी हुई हैं। ये राज्‍य हैं, उत्‍तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्‍ली, हरियाणा, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, बिहार और झारखंड। फिर असम और छत्‍तीसगढ़ का नंबर आता है जिनकी सीमाएं 7 राज्‍यों से लगी हैं।

‘दिल्‍ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है।’ ऐसा बाहरी लोग सुनते बहुत हैं, समझते नहीं। ऐसा इसलिए कि इस राज्‍य ने देश को आठ प्रधानमंत्री दिए हैं। देश की सर्वाधिक लोकसभा सीटें (90) और राज्यसभा सीटें (31) इसी राज्‍य में पड़ती हैं। फिर केंद्र की सत्‍ता हासिल करने के लिए यूपी को कैसे कोई नजरअंदाज कर सकता है भला?

सनातन धर्म और आधुनिक हिन्‍दू धर्म के मूल विचार यहीं पर पनपे। उत्‍तर प्रदेश की धरती भारद्वाज मुनि, याज्ञवल्क्य, वशिष्‍ठ, विश्‍वामित्र, वाल्‍मीकि जैसे ऋषियों की भूमि है। हिन्‍दी और खड़ी बोली के सर्वश्रेष्‍ठ कवियों-लेखकों का जन्‍म यहीं हुआ। ये कबीर, तुलसीदास, सूरदास, विष्‍णु शर्मा, प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, भारतेंदु हरिश्‍चंद्र, महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्‍चन, भगवती चरण चर्मा जैसी विभूतियों की धरती है।

काशी देश की सांस्‍कृतिक राजधानी है। यह देश का सबसे पुराना शहर है जो आज तक बसा हुआ है। काशी विश्‍वनाथ 12 ज्‍योर्तिलिंगों में से एक है और सबसे प्रतिष्ठित है। प्रयाग में होने वाला कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। उत्‍तर प्रदेश में देश की सबसे ज्‍यादा आबादी बसती है। इजरायल, स्विट्जरलैंड, जॉर्डन, स्‍वीडन, ऑस्ट्रिया, ग्रीस जैसे देशों की कुल जनसंख्‍या से भी ज्‍यादा।

उत्‍तर प्रदेश देश के कई शक्तिशाली साम्राज्‍यों का गढ़ रहा है। मुगल, मगध, कुषाण, पाल, मौर्य और नंद वंश यहीं पर फले-फूले।

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