कहा जाता है अगर आप सच्चे दिल से परिश्रम करते हैं. तो आपको 1 दिन सफलता जरूर मिलती है और जो सफलता होती है. वह आपको खूब सुकून देती है. ऐसा ही कारनामा बिहार मुजफ्फरपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली बेटी ने किया है. जिसने गांव में रहकर ही पढ़ाई की और अब वह मेहनत के दम पर एसआई बन चुकी है. इसके बाद उसके परिवार में खुशी का माहौल तो चलिए जानते हैं. ऐसा कारनामा करने वाली साधारण किसान की बेटी शिम्पी कुमारी के बारे में.
शिंपी कुमारी की आर्थिक कंडीशन क्या होगी. इस चीज का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं. इनके पिताजी साधारण किसान हैं और गांव में ही एक किराने की दुकान चलाते हैं, लेकिन अब उनकी बेटी ने अपने पिता का नाम रोशन कर दिया है और कड़े संघर्ष की बदौलत बिहार एस आई बनने तक का सफर तय किया है. मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी प्रखंड के डुमरी गांव की रहने वाली शिंपी कुमारी के पिता का नाम अनिल कुमार है. जो गांव में ही एक दुकान चलाते हैं और छोटी-मोटी किसानी करते हैं. इनको अपनी बेटी के दरोगा बनने पर बहुत खुशी है और इसके साथ-साथ इनके गांव में भी खुशी का माहौल है. इनके पिता जी का कहना है कि उनकी बेटी घर का काम भी करती थी और पढ़ाई भी करती थी. गांव में रहकर ही उसने यह परीक्षा पास की है.

बचपन से था पुलिस विभाग में जाने का सपना
शिंपी ने बातचीत में बताया कि वह हमेशा से ही पुलिस विभाग में जाने का सपना देखती थी. उन्होंने कई परीक्षाओं मैं बैठने का फैसला किया था, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली. लेकिन जब उन्होंने बिहार एसआई की परीक्षा दी तो उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई. शिंपी ने बताया कि उन्होंने तैयारी के दौरान खूब मेहनत की थी और इस दौरान के घर वालों ने भी खूब साथ दिया. उनके घर वाले भी रात रात तक उनके लिए जागते थे और अब उनको मेहनत का फल मिल चुका है तो उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. याद दिला दें, पिछले दिनों ही बीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया था और इस परीक्षा के तहत 2213 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है. बता दें, इन 2213 पदों में से 1998 बिहार एसआई के थे. जबकि बचे हुए पद सार्जेंट के थे.

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